Poonam Pandey News: हाल ही में अभिनेत्री पूनम पांडे ने दावा किया था कि वह सरकार के सर्वाइकल कैंसर जागरूकता अभियान की ब्रांड एंबेसडर बनने जा रही हैं। उन्होंने कहा था कि वह इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए काम करेंगी। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस दावे को खारिज कर दिया है, और मंत्रालय ने कहा कि अभी तक किसी भी ब्रांड एंबेसडर को नहीं चुना गया है इस फैसले से चलिए जानते हैं की पूनम पांडे ने सही में झूठ बोला या नहीं!
कुछ दिन पहले ये खबर आई थी कि अभिनेत्री पूनम पांडे सरकार के सर्वाइकल कैंसर जागरूकता अभियान की ब्रांड एंबेसडर बनने जा रही हैं, ये सुनकर कई लोगों को लगा कि इससे इस गंभीर बीमारी के बारे में देशभर में और ज्यादा लोगों को पता चलेगा, लेकिन अब इस खबर में थोड़ा ट्विस्ट आ गया है।
Poonam Pandey: सरकार ने किया इनकार
स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि अभी तक किसी को भी सर्वाइकल कैंसर जागरूकता अभियान का ब्रांड एंबेसडर नहीं बनाया गया है, उनका कहना है कि पूनम पांडे या किसी अन्य व्यक्ति को भी इस पद के लिए नहीं चुना गया है। ये खबर उन सभी अफवाहों पर विराम लगा देती है जो पूनम पांडे के इस रोल के बारे में चल रही थीं।
विवाद खड़ा करने वाला तरीका
Poonam Pandey ने सर्वाइकल कैंसर के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए एक अलग रास्ता चुना था, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी मौत की झूठी खबर फैला दी थी, इसका मकसद भले ही जागरूकता फैलाना था, लेकिन इस हरकत को लेकर उनकी काफी आलोचना भी हुई। कई लोगों का कहना था कि इतनी गंभीर बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ऐसा करना गलत है, क्योंकि ये लोगों को गलत जानकारी दे सकता है और घबराहट फैला सकता है।
क्या पूनम पांडे सही उम्मीदवार थीं?
कुछ लोगों को लगता है कि पूनम पांडे का बड़ा सोशल मीडिया फैन बेस है और वो इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद कर सकती थीं, मगर उनके विवादास्पद अतीत और मौत की झूठी खबर फैलाने जैसे हथकंडियों ने उनकी उम्मीदवारी को कमजोर कर दिया था। कुछ को लगता है कि किसी ब्रांड एंबेसडर को चुनने से पहले उनके अतीत और सोशल मीडिया गतिविधियों को भी ध्यान में रखना जाना चाहिए।
ये जरूरी है कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सही तरीकों का इस्तेमाल किया जाए, भले ही मकसद अच्छा हो, लेकिन गलत तरीके नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। जैसे कि, मौत की झूठी खबर फैलाने से कैंसर के गंभीर होने का गलत संदेश जा सकता है, या लोगों को डॉक्टर के पास जाने से डर लग सकता है। जागरूकता फैलाने के लिए सटीक जानकारी देना और लोगों को डराने के बजाय सशक्त बनाना ज़रूरी है ताकि लोगों का मनोबल न टूटे।
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सर्वाइकल कैंसर क्या है?
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला एक आम कैंसर है, ये मानव पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होता है। ये वायरस यौन पर्क के जरिए फैलता है। अच्छी बात ये है कि एचपीवी से बचाव के लिए टीके उपलब्ध हैं, साथ ही, नियमित जांच करवा कर इस कैंसर का जल्दी पता लगाया जा सकता है और इलाज भी मुमकिन है। इसलिए, महिलाओं का समय-समय पर जांच कराना बहुत जरूरी है।
निष्कर्ष
हमें सरकार की तरफ से आने वाले आधिकारिक जागरूकता अभियान का इंतज़ार नहीं करना चाहिए। हम खुद भी इस बारे में बात करके, सही जानकारी शेयर करके और महिलाओं को नियमित जांच करवाने के लिए प्रेरित करके सर्वाइकल कैंसर से लड़ने में अपना योगदान दे सकते हैं ताकि लोगों का मनोबल बढ़ सके।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ’s)
क्या है सर्वाइकल कैंसर?
यह महिलाओं में होने वाला कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइक्स) को नुकसान पहुंचता है।
कैसे पता चलेगा कि सर्वाइकल कैंसर है?
शुरुआती दौर में कोई लक्षण नहीं होते। बाद में, असामान्य रक्तस्राव, दर्द, थकान, वजन कम होना, पैरों में सूजन आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
सर्वाइकल कैंसर का इलाज कैसे होता है?
इसमें सर्जरी, कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरेपी इत्यादि चिकित्सा शामिल हो सकते हैं।
सर्वाइकल कैंसर कितना गंभीर है?
यह महिलाओं में चौथा सबसे आम कैंसर है जो जल्दी पता चलने पर इसका इलाज संभव है, देर से पता चलने पर जानलेवा हो सकता है।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव कैसे करें?
एचपीवी टीका लगवाएं जिससे सर्वाइकल कैंसर वाले मरीज को देने से राहत मिले!